जीवन परिचय

कुन्द कुन्द के हो कुन्दन, समयसार के ज्ञाता हो|
चलते फिरते तीरथ हो तुम, हम सबके भाग्य विधाता हो||

पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज का जन्म भारतवर्ष की राजधानी दिल्ली के दिल चाँदनी चौक के धर्मपुरा क्षेत्र में एक सुप्रतिष्ठित परिवार में हुआ| आप बाल्यकाल से ही साहसी, दृढ निश्चयी एवं लगनशील हैं| आप सहृदयी, सरल स्वभावी, उदारचित एवं आकर्षक व्यक्तित्व के धनि हैं| कहते हैं कि किसी महापुरुष के जन्म लेने से पहले ही संकेत मिल जाते हैं| इनके जन्म के साथ ही लम्बे समय से चल रहा भारत-पाकिस्तान युद्ध समाप्त हो गया एवं चारों ओर ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी|

  • दीक्षा से पूर्व नाम - श्री नीरज जैन
  • जन्म स्थान - धर्मपुरा, चांदनी चौक (दिल्ली)
  • पिता का नाम - स्व. श्री कैलाश चंद जैन
  • माता का नाम - स्व. श्रीमती समुंदरी देवी जैन
  • जन्म तिथि - 23 सितम्बर 1965
  • लौकिक शिक्षा - दिल्ली विश्वविद्यालय से बी. कॉम. (पास) एवं हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत तथा अंग्रेजी में निपुणता हासिल की|
  • धार्मिक शिक्षा - मथुरा चौरासी, जबलपुर एवं इंदौर के आश्रमों में जैन शास्त्रों का गहन अध्ययन किया| अन्य धर्मों के पवित्र ग्रन्थ जैसे कुरान, गुरु-ग्रन्थ साहिब, गीता आदि का भी दत्तचित होकर अध्ययन किया|
  • भाई - 1 (श्री दीपेश जैन)
  • बहने - 3 (श्रीमती रजनी जैन, श्रीमती अमिता जैन, श्रीमती दीपिका जैन)
  • विशेषताएं - आपके प्रवचन जहाँ धार्मिक अभिव्यक्ति से ओतप्रोत होते हैं वहीं सामाजिक विषयों पर भी पैनी नज़र रखते है| आपके मुख-मंडल पर छल-छलाती मंद-मंद मुस्कान हर आबाल-वृद्ध को सहज अपनी ओर आकर्षित कर लेती है|
  • धार्मिक रूचि - साधु सेवा, स्वाध्याय, साधना, संगठन, जिन-शासन की प्रभावना, भजन-पूजन, पाठशाला चलाना, अन्य धर्माचार्यों से धार्मिक चर्चा करना|
  • वैराग्य भावना - नवम्बर 1991 - सोनागिर जी में
  • प्रेरणा - वात्सल्य रत्नाकर आचार्य श्री 108 विमल सागर जी महाराज
    • आचार्य श्री ने कहा - "तेरा मरण समाधिपूर्वक मुनि अवस्था में होगा और तेरे कार्य एक गौरवान्वित इतिहास के रूप में दोहराए जाएंगे|" 
    • तत्पश्चात धीरे-धीरे विचार और व्यव्हार में मंथन शुरू हुआ और वैराग्य का बीज अंकुरित होकर फूटने लगा। अहिच्छत्र (उ.प्र.) में मुनि श्री सौरभ सागर जी महाराज की मुनि मुद्रा, साधना, ज्ञान व आचरण से मंत्रमुग्ध हुए तथा आहार देते हुए वैराग्य की कली फूटने को तत्पर हो गयी। 
  • आजीवन बाल ब्रह्मचर्य व्रत - 28 अगस्त 1996 - महुआ जी, सूरत (गुजरात) में
  • गुरु - आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज
    • आचार्य श्री ने कहा - "तेरा भविष्य उज्जवल है" 
    • आचार्य श्री ने प्रारंभिक अवस्था में चार-पांच वर्ष तक व्रत रखने को कहा परंतु मन में अडिग विचार को देखते हुए सामायिक के बाद बताने को कहा। तत्पश्चात आचार्य श्री ने मंगल आशीर्वाद देते हुए आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत प्रदान किया।
  • विशेष संस्मरण - अगस्त 1997 में आचार्य श्री 108 विद्याभूषण सन्मति सागर जी महाराज के प्रथम दर्शन| तब आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज से दीक्षा लेने की इच्छा जताई| आचार्य श्री ने रेखाएं देखकर कहा - "तुम कहीं भी जाओ, तुम्हारी दीक्षा मेरे द्वारा ही होगी| तुम आचार्य श्री विद्यासागर जी से दीक्षा लेने जाओ, वैसे मेरे दरवाज़े तुम्हारे लिए सदा खुले हैं|"
  • त्याग की ओर अग्रसर - जनवरी 2001 में ऊनी वस्त्र एवं बिस्तर का त्याग किया तथा केवल चार वस्त्र पहनकर चटाई पर विश्राम प्रारम्भ किया।
  • गृह त्याग - 6 नवम्बर 2002 - लखनऊ (उ.प्र.) में
  • प्रेरणा - मुनि श्री 108 सौरभ सागर जी महाराज
  • शिक्षण-अध्यन्न - अगस्त 2003 में गुलालवाड़ी (मुम्बई) में आचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महाराज के चरण सान्निध्य में अध्यन्न हेतु पहुंचे।
  • प्रथम केशलोंच - मुनि श्री 108 प्रार्थना सागर जी महाराज द्वारा नीमच (म.प्र.) में
  • प्रथम प्रवचन - सितम्बर 2003 में मुनि श्री 108 प्रार्थना सागर जी एवं मुनि श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज के सान्निध्य में नीमच (म.प्र.) में आयोजित दस दिवसीय श्रावक संस्कार शिविर में|
  • गिरनार जी संरक्षण - आचार्य श्री 108 मेरु भूषण जी महाराज के गिरनार जी आन्दोलन के परिपेक्ष्य में इन्दौर (म.प्र.) में गिरनार जी की 51 फुट ऊँची, 100 फुट लम्बी तथा 50 फुट चौड़ी प्रतिकृति बनवाई तथा एक महीने का अन्न त्याग किया| उस प्रतिकृति को दो लाख लोगो ने देखा तथा इसी तीव्र धर्म प्रवाह के कारण वहीँ जैन संसद का महाधिवेशन सम्पन्न हुआ| सभा में आचार्य श्री 108 दर्शन सागर जी, आचार्य श्री 108 मेरु भूषण जी तथा उपाध्याय श्री 108 निजानंद सागर जी आदि साधु-वृन्द का सान्निध्य प्राप्त हुआ।  
  • दीक्षा हेतु विनती - आचार्य श्री विद्याभूषण सन्मति सागर जी महाराज के चरणकमल में सेक्टर-50, नोएडा (उ.प्र.) में मन्दिर शिलान्यास के अवसर पर जून 2005 में
  • मुनि दीक्षा - 11 अप्रैल 2006 (महावीर जन्म कल्याणक) को दोपहर 1.11 बजे|
  • दीक्षा स्थान - त्रिलोक तीर्थ धाम, बड़ागांव (उ.प्र.)
  • दीक्षा गुरु - आचार्य श्री 108 विद्याभूषण सन्मति सागर जी महाराज
    • आचार्य श्री की आँखों से ख़ुशी के आँसू छलक उठे| उन्होंने कहा - "ऐसी दीक्षा न मैंने आज तक दी और न ही देखी|" 
  • विशेष - मेरु मन्दिर के पंचकल्याणक का शुभअवसर| विशाल श्रमण संघ का सान्निध्य तथा जैन इतिहास में प्रथम बार भारत के प्रत्येक आश्रम से लगभग 125 ब्रह्मचारी-ब्रह्मचारिणी की उपस्तिथि| 
  • एलाचार्य पद प्रतिष्ठापन - 4 अक्टूबर 2009 (शरद पूर्णिमा)
  • स्थान - सी.बी.डी. ग्राउंड, ऋषभ विहार (दिल्ली)
  • पद प्रदाता - दीक्षा गुरु आचार्य श्री 108 विद्याभूषण सन्मति सागर जी महाराज 
  • विशेष - दिल्ली जैन समाज के इतिहास में प्रथम बार लगभग 15 हजार धर्मानुरागी बंधुओं की उपस्थिति तथा दिगम्बर-श्वेताम्बर संतों का समागम 
  • आचार्य पद प्रतिष्ठापन - 20 दिसम्बर 2020
  • स्थान - हरी पर्वत, आगरा (उ.प्र.)
  • पद प्रदाता - गुरुभ्राता आचार्य श्री 108 मेरु भूषण जी महाराज  
    • आचार्य श्री ने कहा कि अतिवीर जी को आचार्य पद प्रदान आज हमने गुरुवर का अधूरा कार्य पूर्ण किया|
  • विशेष - चतुर्विध संघ का सान्निध्य तथा अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद् द्वारा आचार्य पद की सहर्ष अनुमोदना
  • पूर्व में आचार्य पद अनुमोदना - दिनांक 9 फरवरी 2014 को आचार्य श्री 108 सिद्धांत सागर जी ससंघ, आचार्य श्री 108 विशद सागर जी ससंघ, एलाचार्य श्री 108 प्रज्ञ सागर जी, उपाध्याय श्री 108 सौभाग्य सागर जी, मुनि श्री 108 विहर्ष सागर जी ससंघ, मुनि श्री 108 विशोक सागर जी ससंघ, मुनि श्री 108 विभंजन सागर जी महाराज, स्वस्ति श्री रविन्द्र कीर्ति जी (हस्तिनापुर), डॉ. श्री श्रेयांस जैन शास्त्री (बड़ौत), पं. श्री सनत कुमार विनोद कुमार जैन (रजवांस), श्री गजराज जैन गंगवाल (त्रिलोक तीर्थ) आदि द्वारा श्री दिगम्बर जैन रतनत्रय जिनमन्दिर, सेक्टर-10, द्वारका (दिल्ली) के श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में जन्म कल्याणक के अवसर पर श्री अतिवीर जी महाराज को 'आचार्य पद' प्रदान करने की अनुमोदना की गयी परन्तु पूज्यश्री ने यह पद स्वीकार नहीं किया। 
  • उद्देश्य - युवा वर्ग में जागृती लाना व समाज में व्याप्त रुढीवादी बुराइयों को समाप्त कर समाज को संगठित करना
  • उपलब्धि - दिल्ली में जैन यूथ काउंसिल (JYC) का गठन कर पाश्चात्य संस्कृति में रम रहे युवा वर्ग को व्यसनों से दूर रखकर धार्मिक कार्यो के प्रति दायित्व महसूस कराया|
  • सरल आहार चर्या - वर्तमान में होती जा रही गरिष्ट आहार चर्या पर रोक लगाने के लिए पूज्यश्री ने आजीवन केवल नौ पदार्थ लेने का संकल्प मार्च 2010 में कैलाश नगर (दिल्ली) में किया|  
  • ऐतिहासिक संकल्प - 2010 में पंचम दीक्षा जयन्ती के पावन अवसर पर पूज्यश्री ने भविष्य में अपनी दीक्षा एवं जन्म जयन्ती का आयोजन जीवन भर नहीं करवाने का संकल्प श्री ऋषभदेव पार्क (परेड ग्राउंड), लाल किले के सामने (दिल्ली) में लिया|
  • अद्वितीय निर्माण -  पूज्यश्री के निर्देशन में राजधानी दिल्ली के अशोक विहार फेज-1, नजफगढ़, रानी बाग, शक्ति नगर, अशोक विहार फेज-2, कैलाश नगर स्थित श्री दिगम्बर जैन मन्दिर का भव्य निर्माण व सौन्दर्यकरण कार्य संपन्न हुआ|  
  • मौन साधना - जैन समाज के इतिहास में संभवतः प्रथम बार पूज्यश्री द्वारा 42 दिनों (1008 घंटें) की अखण्ड मौन साधना जनवरी-फरवरी 2011 में बैंक एन्क्लेव (दिल्ली) में सम्पन्न हुई|
  • संगठन एवं वात्सल्य - पूज्यश्री की प्रेरणा से 3 आचार्य संघों से लगभग 19 साधुओं (आचार्य श्री 108 सिद्धांत सागर जी महाराज ससंघ, एलाचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज एवं गणिनी आर्यिका श्री 105 विद्याश्री माताजी ससंघ) का मार्च 2012 में एक साथ प्रवास तथा प्रवचन श्रृंखला का आयोजन सूर्य नगर, गाज़ियाबाद (उ.प्र.) में किया गया|
  • सादगी की ओर कदम - शक्ति नगर (दिल्ली) में अष्टम चातुर्मास कलश निष्ठापन समारोह के अवसर पर पूज्यश्री ने भविष्य में चातुर्मास स्थापना एवं निष्ठापन समारोह का भव्य स्तर पर आयोजन जीवन भर नहीं करवाने का अनूठा संकल्प नवम्बर 2013 में लिया। 
  • जैन एकता - श्वेताम्बर संतों के साथ विभिन्न प्रसंगों पर धार्मिक चर्चाएं एवं कार्यक्रमों में संयुक्त प्रवचन आदि सम्पन्न किए| आचार्य श्री विजयरत्नसुन्दर सूरीश्वर जी, आचार्य श्री विजय कुलचंद्र सूरीश्वर जी, आचार्य सम्राट श्री शिव मुनि जी, श्री पदम् चंद शास्त्री जी, श्री सुभद्र मुनि जी, उपाध्याय श्री रविन्द्र मुनि जी, श्री उपेन्द्र मुनि जी, श्री नरेश मुनि जी, श्री आनंद मुनि जी , श्री आगम मुनि जी, श्री राम मुनि जी 'निर्भय', श्री तारक ऋषि जी, श्री उदय मुनि जी, श्री लोकेश मुनि जी, साध्वी युगल श्री निधि-कृपा जी, श्री वैभवश्री जी, श्री चरमश्री जी, श्री रश्मि जी, श्री मंजुलश्री जी, श्री रमेश कुमारी जी, श्री मनीषा जी म.सा. आदि अनेक संतों से समय-समय पर मिलन एवं चर्चा सम्पन्न हुई|  
  • विशेष - पूज्यश्री की प्रेरणा से राजधानी दिल्ली के विभिन्न मन्दिरों का सौन्दर्यकरण, वास्तु-दोष निवारण, त्यागी भवन, धर्मशाला निर्माण आदि कार्य सम्पन्न हुए तथा हो रहे हैं। 
  • अनुपम एवं विलक्षण यात्रा - पर्युषण पर्व की दस दिन के व्रत की अत्यन्त पवित्र व्रत संयम धारणा को प्रोत्साहित करने हेतु पूज्यश्री की प्रेरणा, निर्देशन एवं आशीर्वाद से दिल्ली क्षेत्र से लगभग 1300 महानुभावों को 9 से 13 फरवरी 2013 तक शाश्वत तीर्थाधिराज श्री सम्मेद शिखर जी की पूर्णतया निःशुल्क तीर्थ वंदना करवाई गयी। क्षेत्र पर सभी यात्रियों ने श्री सम्मेद शिखर विधान का भव्य आयोजन किया। 
  • आलौकिक दृश्य - जुलाई 2013 में आचार्य श्री शिव मुनि जी म.सा. ने समस्त संघ के साथ श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, अशोक विहार फेज़-1 (दिल्ली) पधारकर पूज्यश्री की आहार-चर्या देखी तथा आहारोपरांत पूज्यश्री के कर-कमलों में मयूर पिच्छिका भेंट की| आचार्य श्री ने अपने जीवन में प्रथम बार दिगम्बर संत की आहार-चर्या का अवलोकन किया| 
  • पद से विमुख - साधुओं में बढ़ती जा रही पदों की होड़ की रोकथाम हेतु पूज्यश्री ने भविष्य में कोई भी पद स्वीकार नहीं करने का अद्वितीय संकल्प शक्ति नगर (दिल्ली) में नवम्बर 2013 में लिया। पूज्य श्री ने कहा कि जो गुरुदेव से मिला वह शिरोधार्य है, अब अन्यत्र किसी संघ से कुछ नहीं लेंगे। 
  • युवा शक्ति - जैन यूथ काउंसिल (दिल्ली प्रदेश) द्वारा नव वर्ष 2014 के आगमन पर 'उलझनों से दूर, आ जी लें ज़रा...' का ऐतिहासिक एवं विराट आयोजन दिसम्बर 2013 में बैंक एन्क्लेव (दिल्ली) में किया गया जिसमें लगभग 7000 महानुभावों की उपस्थिति रही। इस अवसर पर दिल्ली जैन समाज के विशिष्ट युवाओं को 'जैन युवा रत्न' की उपाधि से अलंकृत किया गया। 
  • श्रमण संस्तवन - श्री दिगम्बर जैन रतनत्रय जिनमन्दिर, सेक्टर-10, द्वारका (दिल्ली) के श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के उपलक्ष्य में पूज्यश्री की प्रेरणा से लगभग 20 दिगम्बर सन्तों तथा भट्टारकगणों की उपस्थिति में प्रेरणास्रोत एलाचार्य श्री 108 प्रज्ञ सागर जी महाराज को 'ज्ञान दिवाकर' की उपाधि से फरवरी 2014 में विभूषित किया गया।  
  • विलक्षण व अद्भुत प्रयास - जैन समाज के इतिहास में प्रथम बार नव-वर्ष आगमन की बेला पर "उलझनों से दूर, आ जी लें ज़रा..." - तीन चौबीसी विधान, जैन मेला व सांस्कृतिक कार्यक्रम का अभूतपूर्व आयोजन दिसम्बर 2015 में श्री भरतक्षेत्र परिसर, नजफगढ़ (दिल्ली) में किया गया। इस अवसर पर दिल्ली व निकटवर्ती क्षेत्रों से लगभग सवा लाख धर्मानुरागी बंधुगण सम्मिलित हुए। 
  • पदारोहण - गुरुवर आचार्य श्री 108 विद्याभूषण सन्मति सागर जी महाराज संघ की प्रमुख साध्वी आर्यिका श्री 105 सृष्टि भूषण माताजी को पूज्यश्री के कर-कमलों द्वारा "गणिनी पद" 27 दिसम्बर 2015 को नजफगढ़ (दिल्ली) में प्रदान किया।
  • चिंतन सभा - वर्तमान में गिरती जा रही साधु व समाज की प्रतिष्ठा को बचाने के प्रयास हेतु चिंतन सभा का आयोजन पूज्यश्री के सान्निध्य में नवंबर 2017 में नवीन शाहदरा (दिल्ली) में सकल दिल्ली जैन समाज के गणमान्य महानुभावों की उपस्तिथि में किया गया| 
  • अनूठा आयोजन - अतिशय क्षेत्र बड़ागांव, जिला बागपत (उ.प्र.) में नव-वर्ष आगमन के उपलक्ष्य में दिनांक 1 जनवरी 2018 को नवप्रभात महोत्सव का विराट आयोजन किया गया| क्षेत्र के इतिहास में प्रथम बार समारोह में दिल्ली-एनसीआर से सैकड़ों बसें तथा हजारों निजी वाहनों से लगभग 25 हजार धर्मानुरागी बन्धुगण सम्मिलित हुए| 
  • गोम्मटेश बाहुबली महामस्तकाभिषेक यात्रा - गोम्मटेश भगवान बाहुबली स्वामी के महामस्तकाभिषेक समारोह में सम्मिलित होने के लिए पूज्यश्री की प्रेरणा से वायुदूत ट्रेवल्स द्वारा फरवरी 2018 में सैकड़ों महानुभावों को तीन हवाई जहाज़ (सम्यक्दर्शन, सम्यक्ज्ञान, सम्यक्चारित्र) द्वारा श्रवणबेलगोला ले जाया गया|
  • आलौकिक व अविस्मरणीय आयोजन - फाल्गुनी अष्टाह्निका पर्व के अवसर पर दिल्ली के श्री दिगम्बर जैन लाल मन्दिर, चांदनी चौक में श्री 1008 समयसार महामण्डल विधान व विश्वशान्ति महायज्ञ का प्रथम बार विराट आयोजन दिनांक 22 फरवरी से 2 मार्च 2018 तक किया गया| समस्त मंदिर व परिसर की मनमोहक सज्जा व लाइटिंग की गयी| आकर्षक समवशरण की रचना हुई जिसमें घने जंगल के बीच आचार्य श्री कुन्द-कुन्द स्वामी की भव्य झांकी प्रस्तुत किये गए| प्रथम बार 700-800 इंद्र-इन्द्राणी विधान में प्रतिदिन सम्मिलित हुए|
  • साधर्मी वात्सल्य - विभिन्न प्रसंगों पर साधु-संतों की वैय्यावृति आदि सेवा-सुश्रुषा कर साधर्मी वात्सल्यता का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया।
  • पंचकल्याणक प्रतिष्ठा -
    • जून 2010 - अशोक विहार फेज़-1 (दिल्ली)
    • अप्रैल 2012 - अध्यापक नगर, नांगलोई (दिल्ली)
    • जून 2012 - ब्रह्मपुरी, न्यू सीलमपुर (दिल्ली)
    • फरवरी 2014 - द्वारका सेक्टर-10 (दिल्ली)
    • जनवरी 2019 - रानी बाग (दिल्ली)
    • मार्च 2020 - सिद्धक्षेत्र मथुरा चौरासी (उ.प्र.)  
    • मार्च 2021 - अतिशय क्षेत्र जैन नगर, कराला (दिल्ली)
    • नवम्बर 2021 - अशोक विहार फेज-2 (दिल्ली)
    • जून 2022 - बी-40, शकरपुर (दिल्ली)
  • लघु पंचकल्याणक प्रतिष्ठा -
    • फ़रवरी 2007 - कैलाश नगर गली न. 12 (दिल्ली) 
    • जून 2013 - अशोक विहार फेज़-2 (दिल्ली)
    • जून 2019 - रानी बाग (दिल्ली)
  • वेदी प्रतिष्ठा -
    • अप्रैल 2011 - धर्मपुरा, चांदनी चौक (दिल्ली)
    • नवम्बर 2013 - धर्मपुरा, चांदनी चौक (दिल्ली)
    • जनवरी 2014 - न्यू लाहौर शास्त्री नगर (दिल्ली)
    • अप्रैल 2015 - अतिशय क्षेत्र जैन नगर (दिल्ली)
    • मार्च 2017 - धर्मपुरा, चांदनी चौक (दिल्ली)
    • मई 2017 - प्रशांत विहार, रोहिणी सैक्टर-14 (दिल्ली) 
    • सितम्बर 2019 - नीति खण्ड-1, इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद (उ.प्र.)
    • मार्च 2020 - वृन्दावन, मथुरा (उ.प्र.) 
  • प्रभावना -
    • जैन धर्म के महत्वपूर्ण पर्व श्रुत पंचमी के प्रति जैन समाज में जागरूकता लाना तथा दिल्ली में प्रथम बार इस महान पर्व का विशाल स्तर पर भव्य आयोजन 2007 में करवाया| 
    • श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के तत्वाधान में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज, सफदरजंग एन्क्लेव (दिल्ली) में श्री 1008 महावीर भगवान की प्रतिमा को विधि-विधान सम्पन्न करा 2 जून 2007 को विनयपूर्वक स्थापित करवाया|
    • श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर जी, बरनावा, जिला बागपत (उ.प्र.) में श्री 1008 चन्द्रप्रभ निर्वाण कल्याणक दिवस का प्रथम बार ऐतिहासिक एवं विराट आयोजन मार्च 2008 में सम्पन्न हुआ। गुरुकुल का अवलोकन तथा बच्चों को उद्बोधन भी प्रदान किया।
    • बैंक एन्क्लेव, लक्ष्मी नगर (दिल्ली) के इतिहास में प्रथम बार दिगम्बर मुनिराज का चातुर्मास 2008 व्यापक धर्मप्रभावना पूर्वक सानंद संपन्न हुआ जिसमें भारी जनसमुदाय के मध्य विभिन्न धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम विराट रूप से आयोजित किये गए| सामाजिक एकता व संगठन का अनूठा वातावरण चातुर्मास काल में बना| समाज द्वारा लगभग 10,000 पूजन संग्रह पुस्तिका का प्रकाशन किया गया|
    • जैन पब्लिक स्कूल, रेवाड़ी (हरियाणा) में प्रथम बार दिगम्बर मुनिराज का मंगल उदबोधन मई 2009 में हुआ तथा सभी बच्चों तथा स्टाफ मेम्बर्स ने दिगम्बर मुनिराज की आहार-चर्या का अवलोकन किया।  
    • धर्मपुरा, चांदनी चौक (वर्षायोग 2009) में प्रथम बार श्री कैलाश पर्वत की भव्य कृत्रिम रचना एवं एक दिवसीय श्री 1008 सिद्धचक्र महामण्डल विधान का आयोजन सम्पन्न हुआ।
    • प्राचीन श्री अग्रवाल दिगम्बर जैन पंचायत (पंजी.), दिल्ली-6 द्वारा श्री ऋषभदेव पार्क (परेड ग्राउंड), लाल किले के सामने, दिल्ली में दसलक्षण पर्व के अवसर पर आयोजित दिल्ली जैन समाज की प्राचीनतम धर्मसभा को 2009 में पूज्यश्री ने सम्बोधित किया।
    • 2009 में जैन समाज के इतिहास में प्रथम बार विशाल स्तर पर अद्वितीय समोशरण की रचना एवं श्री 1008 कल्पद्रुम महामण्डल विधान का आयोजन पावापुरी-भरत क्षेत्र मन्दिर, नजफगढ़ (दिल्ली) में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विशाल चक्रवर्ती दिग्विजय यात्रा भी निकाली गयी।
    • जैन मित्र मण्डल (पंजी.) द्वारा प्रति वर्ष आयोजित दिल्ली जैन समाज के लगभग 100 वर्ष प्राचीन भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव में विशाल जनसमुदाय को संबोधन तथा इसी मंच पर पंचम दीक्षा दिवस का भव्य आयोजन मार्च 2010 में श्री ऋषभदेव पार्क (परेड ग्राउंड), लाल किले के सामने, दिल्ली में सम्पन्न हुआ।  
    • वर्ष 2010 से निरन्तर यमुनापार जैन समाज के इतिहास में भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव का विशाल एवं भव्य आयोजन गौतमपुरी (दिल्ली) में किया जा रहा है|
    • दिल्ली में विभ्भिन स्थानों पर श्री मन्दिर जी के प्रांगण में ही पंचकल्याणक महोत्सव क्रियाएं सम्पन्न करवाकर समस्त समाज को एक नयी दिशा प्रदान की|
    • जंगपुरा (भोगल), दिल्ली में ऐतिहासिक वर्षायोग (2010) स्थापना पर समिति द्वारा लक्की ड्रा के माध्यम से चयनित महानुभावों को भगवान बाहुबली (श्रवणबेलगोला) तीर्थ की हवाई जहाज़ द्वारा निःशुल्क धार्मिक यात्रा करवाई गई|
    • अगस्त 2010 में भगवान पार्श्वनाथ निर्वाण कल्याणक दिवस के अवसर पर जैन समाज के इतिहास में प्रथम बार प्रतिष्ठित जिन प्रतिमा का अभिषेक-पूजन वातानुकूलित ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ| इसी मंच पर अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद् की नवगठित कार्यकारिणी कमिटी की प्रथम बैठक सम्पन्न हुई|
    • भारत सरकार में प्रशासनिक पदों पर कार्यरत जैन बंधुओं का नागरिक अभिनन्दन भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव 2011 के पुनीत अवसर पर शाह ऑडिटोरियम, राज निवास मार्ग (दिल्ली) में किया गया|
    • जैन समाज के इतिहास में प्रथम बार बर्फ से निर्मित कैलाश पर्वत की रचना पर श्री भक्तामर विधान का भव्य आयोजन मई 2011 में पहाड़ी धीरज (दिल्ली) में आयोजित हुआ।  
    • त्रिनगर (दिल्ली) में अविस्मरणिय तथा ऐतिहासिक चातुर्मास (2011) सम्पन्न हुआ जिसमें भारी धर्मप्रभावना सम्पन्न हुई| वर्षायोग स्थापना पर समिति द्वारा लक्की ड्रा के माध्यम से चयनित महानुभावों को गजपंथा, कचनेर, मांगीतुंगी आदि तीर्थ क्षेत्रों की निःशुल्क धार्मिक यात्रा करवाई गई| दसलक्षण पर्व में प्रतिदिन जैन परिवार अपने घरों से महारती बैंड-बाजों से लाये तथा अनंत चौदस पर लगभग दो हजार बंधुओं के साथ श्री जी की महारती सम्पन्न हुई| एलाचार्य श्री के लिए हर घर में चोंका लगा तथा सरल आहारचर्या का अनूठा नमूना पेश हुआ| चातुर्मास के अनंतर निःशुल्क तीर्थ यात्राएं तथा श्वेताम्बर संतो के साथ धार्मिक मंत्रणाएँ सम्पन्न हुई|
    • दिल्ली जैन समाज के इतिहास में प्रथम बार 111 दिवसीय अखण्ड श्री भक्तामर विधान एवं पाठ का भव्य आयोजन श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, कबूल नगर (शाहदरा), दिल्ली में 24 जून 2012 से 13 अक्टूबर 2012 तक सम्पन्न हुआ।
    • शकरपुर (दिल्ली) में वर्षायोग (2012) स्थापना पर समाज में फैलीं रुढीवादी कुरीतियों पर कुठाराघात किया तथा समिति द्वारा लक्की ड्रा के माध्यम से चयनित महानुभावों को श्री गिरनार जी, माउन्ट आबू, पालीताना आदि क्षेत्रों की हवाई जहाज़ द्वारा निःशुल्क धार्मिक यात्रा करवाई गई|
    • अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद् की वार्षिक बैठक सितम्बर 2012 में शकरपुर (दिल्ली) में अनेकों गंभीर विषयों पर चर्चा के साथ सम्पन्न हुई| पूज्यश्री की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से तथा विद्वानों के निर्देशन में पूर्वाचार्यों प्रणीत ग्रन्थ का प्रकाशन होगा| 
    • श्री गिरनार जी सिद्धक्षेत्र में मुनि श्री 108 प्रबल सागर जी महाराज पर हुए प्राणघातक हमले के विरोध में दिनांक 5 जनवरी 2013 को जंतर-मंतर (दिल्ली) पर श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन युवा महासभा के तत्वावधान में आयोजित विशाल धरना-प्रदर्शन एवं रैली को पूज्यश्री ने अपने अहिंसामयी एवं आगमोक्त वचनों से संबोधित किया। 
    • श्री दिगम्बर जैन नया मन्दिर, धर्मपुरा, चांदनी चौक (दिल्ली) में 21 वर्षों के पश्चात् अष्टदिवसीय श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्वशान्ति महायज्ञ का भव्य आयोजन फरवरी 2013 में सम्पन्न हुआ।
    • उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा भगवान महावीर जन्म कल्याणक दिवस 2013 के प्रसंग पर देवाराम पार्क, त्रिनगर (दिल्ली) स्थित रोड का नामकरण 'श्री दिगम्बर जैन मन्दिर मार्ग' किया गया।
    • जुलाई 2013 में श्री कल्पद्रुम महामण्डल विधान का भव्य आयोजन अशोक विहार फेज-1 (दिल्ली) में संपन्न हुआ जिसमें विशाल समवशरण की रचना की गयी। दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित ने पधारकर पूज्यश्री का मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया।
    • शक्ति नगर (दिल्ली) में लगभग पांच हजार धर्मानुरागी बंधुओं की उपस्तिथि में अभूतपूर्व वर्षायोग (2013) स्थापना सम्पन्न हुई। श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निर्मल कुमार जैन सेठी जी की हीरक जन्म जयंती समापन पर राष्ट्रीय स्तर पर नागरिक अभिनन्दन किया गया। आयोजन समिति द्वारा लक्की ड्रा के माध्यम से 108 महानुभावों को आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के पावन दर्शन हेतु निःशुल्क ले जाया गया।
    • अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद् के तत्वावधान में पुरुषार्थ सिद्धयुपाय राष्ट्रीय विद्वत संगोष्टी का ऐतिहासिक त्रिदिवसीय आयोजन अगस्त 2013 में श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, शक्ति नगर (दिल्ली) में सम्पन्न हुआ जिसमें देशभर से जैन दर्शन के लगभग 40 मूर्धन्य विद्वान सम्मिलित हुए। 
    • द्वारका सेक्टर-10 (दिल्ली) में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत पूज्यश्री के निर्देशन में 11 रथ, 11 बग्गी, 11 झांकियाँ, 11 बैंड आदि द्वारा लगभग 2 कि.मी. विशाल जन्म कल्याणक शोभायात्रा फरवरी 2014 में निकाली गई।  
    • पूज्यश्री की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से श्री 1008 चन्द्रप्रभु वीर सेवा मण्डल, गौतमपुरी (दिल्ली) के तत्वावधान में राजधानी दिल्ली से सैकड़ों भक्तों के साथ श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर जी, देहरा तिजारा, अलवर (राजस्थान) में श्री चन्द्रप्रभु स्वामी के श्रीचरणों में 108 किलो का निर्वाण लाडू दिनांक 7 मार्च 2014 को भक्ति-भाव पूर्वक चढ़ाया गया। 
    • मानवता को समर्पित श्री वासुपूज्य दिगम्बर जैन चैरिटेबल मेडिकल सेंटर एवं अनुशासन प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान का भव्य उद्घाटन अगस्त 2014 में गांधी नगर (दिल्ली) में किया गया। 
    • अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद् के तत्वावधान में श्रावकाचार पर राष्ट्रीय विद्वत संगोष्टी का ऐतिहासिक त्रिदिवसीय आयोजन अगस्त 2014 में श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, कृष्णा नगर (दिल्ली) में सम्पन्न हुआ जिसमें देशभर से जैन दर्शन के लगभग 40 मूर्धन्य विद्वान सम्मिलित हुए।  
    • नवम्बर-दिसम्बर 2014 में श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, अशोक विहार फेज-1 (दिल्ली) के इतिहास में प्रथम बार किसी ग्रन्थ (श्री रयणसार जी) का स्वाध्याय गुरुमुख से पूर्ण हुआ।
    • दिल्ली जैन समाज इतिहास में प्रथम बार आचार्य श्री मानतुंग जी कृत श्री भक्तामर स्तोत्र की विशेष शिक्षण कक्षा अशोक विहार फेज-1 (दिल्ली) में दिसम्बर 2014 - जनवरी 2015 में आयोजित हुई जिसमें पूज्यश्री ने संस्कृत व्याकरण, स्वराघात, दीर्घ-ह्रस्व स्वर, संधि आदि विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ विशुद्ध उच्चारण तथा भावार्थ भी समझाया। इस कक्षा में अशोक विहार तथा दिल्ली की विभिन्न कालोनियों से भारी संख्या में धर्मश्रद्धालुजन सम्मिलित हुए| 
    • मई 2015 में राजधानी दिल्ली की संयुक्त संस्था "जिनशरणं - श्री दिगम्बर जैन श्रावक समाज" के तत्वावधान में मंदिर सुरक्षा विषय पर विचार गोष्टी का आयोजन अशोक विहार फेज-1 (दिल्ली) में किया गया जिसमें सभी कॉलोनियों से मंदिर कमिटी के पदाधिकारियों ने उपस्थित होकर अपने विचार प्रस्तुत किये|  
    • श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर जी, जवाहर पार्क, लक्ष्मी नगर (दिल्ली) के 50वें स्थापना वर्ष के अवसर पर पांच दिवसीय स्वर्ण जयंती महामहोत्सव का विराट आयोजन मई 2015 में किया गया।
    • अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद के तत्वावधान में विद्वत शिक्षण-प्रशिक्षण शिविर, वार्षिक अधिवेशन एवं पुरस्कार समर्पण समारोह का विराट आयोजन जून 2015 में अशोक विहार फेज-1 (दिल्ली) में आयोजित हुआ। प्रथम बार यहाँ देश के कोने-कोने से लगभग 125 विद्वान सम्मिलित हुए। प्रकांड विद्वानों के लिए प्रत्येक वर्ष आचार्य पूज्यपाद स्वामी पुरस्कार पूज्यश्री के सान्निध्य में चातुर्मास के अनन्तर प्रदान करने की घोषणा हुई (राशि - इक्क्यावन हजार रुपये)।   
    • श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, मयूर विहार (दिल्ली) में 16 दिवसीय श्री शांति विधान का आयोजन जून 2015 में किया गया। क्षेत्र के इतिहास में प्रथम बार इतने लंबे समय के लिए दिगम्बर मुनि का सान्निध्य समाज को मिला।
    • श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, न्यू लाहौर शास्त्री नगर (दिल्ली) के इतिहास में प्रथम बार अष्ट-दिवसीय श्री 1008 सिद्धचक्र महामण्डल विधान का भव्य आयोजन जुलाई 2015 में संपन्न हुआ। 
    • दिल्ली/एनसीआर में निवास कर रहे जैन दर्शन के समस्त युवा विद्वान तथा प्रतिष्ठाचार्यों का सम्मलेन जुलाई 2015 में श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, न्यू लाहौर शास्त्री नगर (दिल्ली) में संपन्न हुआ। 
    • कई वर्षों के इंतज़ार के पश्चात नजफगढ़ (दिल्ली) के लगभग 400 वर्ष प्राचीन श्री मन्दिर जी में ऐतिहासिक चातुर्मास कलश स्थापना अगस्त 2015 में संपन्न हुई।
    • राजस्थान कोर्ट द्वारा संथारा/सल्लेखना पर प्रतिबन्ध के खिलाफ विशाल मौन रैली तथा धर्मसभा का आयोजन नजफगढ़ (दिल्ली) में अगस्त 2015 में किया गया। 
    • अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद् के तत्वावधान में सम्यग्दर्शन पर राष्ट्रीय विद्वत संगोष्टी का ऐतिहासिक त्रिदिवसीय आयोजन सितम्बर 2015 में श्री दिगम्बर जैन प्राचीन मन्दिर, नजफगढ़ (दिल्ली) में सम्पन्न हुआ जिसमें देशभर से जैन दर्शन के लगभग 40 मूर्धन्य विद्वान सम्मिलित हुए।    
    • श्वेताम्बर संत श्री आनंद मुनि जी म.सा. के साथ संयुक्त मंच से प्रथम बार चार-दिवसीय ऐतिहासिक प्रवचन श्रृंखला का आयोजन 31 दिसम्बर 2015 से 3 जनवरी 2016 तक उत्तम नगर (दिल्ली) में किया गया। स्थानीय श्वेताम्बर समाज ने पूज्यश्री के लिए अपने घरों तथा स्थानक में चौके लगाये|  
    • पूज्यश्री के सान्निध्य में श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, रानी बाग (दिल्ली) के पुनः निर्माण हेतु शिलान्यास समारोह के अवसर पर उ.दि.न.नि. द्वारा जैन मन्दिर वाली गली का नामकरण "श्री 1008 भगवान महावीर स्वामी मार्ग" फरवरी 2016 में किया गया| 
    • श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, न्यू लाहौर कॉलोनी, शास्त्री नगर (दिल्ली) के 50वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में स्वर्ण जयंती महामहोत्सव का त्रिदिवसीय भव्य आयोजन फरवरी 2016 में किया गया|
    • गोम्मटेश भगवान बाहुबली स्वामी के महामस्तकाभिषेक समारोह के सफल आयोजन हेतु दिल्ली क्षेत्र कमिटी द्वारा मई 2017 में विचार-विमर्श सभा का आयोजन शाह ऑडिटोरियम, सिविल लाइन्स (दिल्ली) में किया गया जिसमें आचार्य श्री श्रुत सागर जी, एलाचार्य श्री अतिवीर जी, उपाध्याय श्री नयन सागर जी, मुनि श्री सौरभ सागर जी, गणिनी आर्यिका श्री चन्द्रमति माताजी व आर्यिका श्री दक्षमति माताजी के प्रेरक उद्बोधन प्राप्त हुए|  
    • फरवरी 2018 में भगवान बाहुबली स्वामी की मनोहारी प्रतिमा का द्वादश वर्षीय महामस्तकाभिषेक महोत्सव पंचायती मंदिर, धर्मपुरा, चांदनी चौक (दिल्ली) में व्यापक धर्मप्रभावना के साथ संपन्न हुआ जिसमें पूज्यश्री के साथ-साथ विशाल श्रमण संघ का सान्निधय प्राप्त हुआ|  
    • जून 2018 में उत्तर प्रदेश की धर्मनगरी बड़ौत के श्री अजितनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, मण्डी में जोरदार भव्य मंगल प्रवेश हुआ तथा श्रुत पंचमी महोत्सव के विशाल त्रिदिवसीय समारोह का भव्य आयोजन संपन्न हुआ|  
    • फरवरी 2019 में मजलिस पार्क (आदर्श नगर), दिल्ली के इतिहास में प्रथम बार दिगम्बर जैन संत का आगमन व प्रवास| एलाचार्य श्री के सान्निध्य में समस्त क्षेत्र में व्यापक धर्मप्रभावना संपन्न हुई तथा दिगम्बर-श्वेताम्बर एकता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत हुआ|
    • जुलाई 2019 में यमुनापार दिगम्बर जैन समाज दिल्ली (रजि.) की संवैधानिक रूप से निर्विरोध निर्वाचित 21 सदस्यों की कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह पूज्यश्री के सान्निध्य में श्री दिगम्बर जैन मन्दिर, निर्माण विहार (दिल्ली) में आयोजित किया गया| 
    • सितम्बर 2019 में पूज्यश्री के सान्निध्य में पर्वाधिराज दशलक्षण महापर्व के अंतर्गत अनंत चतुर्दशी के प्रसंग लगभग 108 इंद्रों द्वारा श्रीजी का मंगल अभिषेक श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, नीति खंड, इंदिरापुरम (गाज़ियाबाद) में सानंद संपन्न हुआ| 
    • जनवरी 2020 में दिल्ली सरकार द्वारा पूज्यश्री के सान्निध्य में शक्ति नगर चौक का नामकरण "भगवान महावीर चौक" किया गया| 
    • जनवरी 2020 में श्री जती जी आश्रम, नजफगढ़ (दिल्ली) में मनमोहक व आकर्षक चरण छतरी निर्माण के पश्चात् श्री जती जी चरण स्थापना समारोह का विराट पंचदिवसीय आयोजन आचार्य श्री श्रुत सागर जी, एलाचार्य श्री अतिवीर जी, आर्यिका श्री सृष्टि भूषण जी एवं क्षुल्लक श्री योग भूषण जी के सान्निध्य में संपन्न हुआ| 
    • फरवरी 2020 में श्री दिगम्बर जैन मेरु मन्दिर, धर्मपुरा, चांदनी चौक (दिल्ली) में भगवान महावीर स्वामी के जिनबिम्ब स्थापना स्वर्ण वर्ष के अवसर पर महामस्तकाभिषेक महोत्सव का भव्य आयोजन पूज्यश्री के सान्निध्य में संपन्न हुआ|  
    • फरवरी 2020 में कोसी कलां (उ.प्र.) स्थित एम. डी. जैन पब्लिक स्कूल का अवलोकन कर छात्रों को सम्बोधित किया| 
    • फरवरी 2020 में उत्तर भारत के एकमात्र सिद्धक्षेत्र श्री जम्बूस्वामी मोक्षस्थली मथुरा चौरासी (उ.प्र.) में प्रथम बार भव्य मंगल प्रवेश हुआ तथा श्री जम्बूस्वामी का चतुर्थ वर्षीय महामस्तकाभिषेक महोत्सव व 53 फुट उत्तुंग भव्य मानस्तम्भ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन संपन्न हुआ| 
    • मार्च 2020 में श्रमण ज्ञान भारती संस्थान, मथुरा (उ.प्र.) के वार्षिकोत्सव एवं छात्रों के विदाई समारोह का आयोजन पूज्यश्री के पावन सान्निध्य में संपन्न हुआ|  
    • मार्च 2020 में श्रमण ज्ञान भारती छात्रावास, मथुरा चौरासी (उ.प्र.) में रह रहे सभी छात्रों ने पूज्यश्री का चौका लगाकर नवधा-भक्ति करते हुए विनयपूर्वक निरंतराय आहार करवाया|
    • मथुरा (उ.प्र.) में बाहरी आडम्बर से दूर तथा ज्ञानार्जन व तप-त्याग-साधना का अभूतपूर्व अवसर चातुर्मास 2020 में मिला जिसके माध्यम से समस्त समाज लाभान्वित हुई|  
    • 2020 में कोरोना काल की पाबंदियों के कारण मथुरा (उ.प्र.) में पूज्यश्री का लगभग 9 माह तक मंगल प्रवास रहा जिसके अंतर्गत समस्त समाज ने शास्त्र स्वाध्याय, श्रावकाचार विवेचना, सम्यग्दर्शन आदि विषयों पर गहन पठन-पाठन कर ज्ञानार्जन का अभूतपूर्व लाभ प्राप्त किया|
    • आगरा (उ.प्र.) में अल्प-प्रवास के दौरान विभिन्न कालोनियों में व्यापक धर्मप्रभावना संपन्न हुई| सारगर्भित मंगल प्रवचन, आहार-चर्या, विहार, तत्त्व चर्चा आदि के माध्यम से आगरा महानगर के श्रद्धालुजन लाभान्वित हुए तथा विशेष रूप से युवा वर्ग उत्साह के साथ संलग्न रहा|  
    • रानी बाग (दिल्ली) में 25 वर्ष पश्चात् श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान का विराट आयोजन पूज्यश्री के सान्निध्य में मार्च 2021 में संपन्न हुआ| भव्य साज-सज्जा, आकर्षक लाइटिंग तथा मनमोहक मांडला सभी के आकर्षण का केंद्र रहे| नगर में राजा नेमिकुमार की विशाल बारात निकाली गयी जिससे जैनत्तर समाज भी मंत्रमुग्ध हो गया|
    • 2021 में कोरोना काल की पाबंदियों के कारण अशोक विहार फेज-2 (दिल्ली) में पूज्यश्री का लगभग 3.5 माह तक मंगल प्रवास रहा जिसके अंतर्गत समस्त समाज ने शास्त्र स्वाध्याय, श्रावकाचार विवेचना, सम्यग्दर्शन आदि विषयों पर गहन पठन-पाठन कर ज्ञानार्जन का अभूतपूर्व लाभ प्राप्त किया|
    • रानी बाग (दिल्ली) के लगभग 50 वर्ष के इतिहास में प्रथम बार दिगम्बर मुनिराज का चातुर्मास 2021 सानंद संपन्न हुआ| कोरोना काल में छोटी समाज ने अभूतपूर्व धर्मप्रभावना पूर्वक ज्ञानार्जन का लाभ प्राप्त किया 
    • अतिशय क्षेत्र बड़ागांव, जिला बागपत (उ.प्र.) में मूलनायक श्री पार्श्वनाथ भगवान की अतिशयकारी प्रतिमा प्रकट होने 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी समारोह का भव्य आयोजन पूज्यश्री के सान्निध्य में मार्च 2022 में व्यापक धर्मप्रभावना के साथ संपन्न हुआ| 
  • अभी तक के चातुर्मास -
    1. 2006 - कैलाश नगर गली न. 2 (दिल्ली)
    2. 2007 - अशोक विहार फेज़-1 (दिल्ली)
    3. 2008 - बैंक एन्क्लेव (दिल्ली)
    4. 2009 - धर्मपुरा, चांदनी चौक (दिल्ली)
    5. 2010 - जंगपुरा, भोगल (दिल्ली)
    6. 2011 - त्रिनगर (दिल्ली)
    7. 2012 - बी-40, शकरपुर (दिल्ली)
    8. 2013 - शक्ति नगर (दिल्ली)
    9. 2014 - कृष्णा नगर (दिल्ली)
    10. 2015 - नजफगढ़ (दिल्ली)
    11. 2016 - विवेक विहार (दिल्ली)
    12. 2017 - न्यू रोहतक रोड, करोल बाग (दिल्ली) 
    13. 2018 - बलराम नगर, लोनी, गाज़ियाबाद (उ.प्र.)
    14. 2019 - नीति खण्ड-1, इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद (उ.प्र.)
    15. 2020 - संघ भवन, कृष्णा नगर, मथुरा (उ.प्र.) 
    16. 2021 - रानी बाग (दिल्ली)
    17. 2022 - अतिशय क्षेत्र नसिया जी, रेवाड़ी (हरियाणा)
    18. 2023 - अतिशय क्षेत्र लाल मंदिर, चांदनी चौक (दिल्ली)